वर्णाः |
वर्णमाला |
प्रत्याहारसूत्राणिमाहेश्वर सूत्राणि |
स्थानानि |
प्रयत्नः |
सङ्ग्रहः |
अथ शिक्षां प्रवक्ष्यामि पाणिनीय मतं यथा।
शास्त्रानुपूर्वं तद्विद्या - द्यथोक्तं लोकवेदयोः।। 1
प्रसिद्धमपि शब्दार्थ - मविज्ञात मबुद्धिभिः।
पुन र्व्यक्तीकरिष्यामि वाच उच्चारणे विधिम्।। 2
त्रिषष्टि श्चतुष्षष्टिर्वा वर्णा श्शंभुमते मताः।
प्राकृते संस्कृते चापि स्वयं प्रोक्ता स्स्वयंभुवा।। 3
स्वरा विंशति रेकश्च स्पर्शानां पञ्च विंशतिः।
यादयश्च स्मृता ह्यष्टौ चत्वारश्च यमास्स्मृताः।। 4
अनुस्वारो विसर्गश्च ः क ःपौ चापि पराश्रितौ।
दुस्स्पृष्टश्चेति विज्ञेय- ऌकारः प्लुत एव च।। 5
स्वराः | स्वरा विंशति रेकश्च। 21 | |
समान - अक्षराणि | अ, आ, आ3 | 3 |
इ, ई, ई3 | 3 | |
उ, ऊ, ऊ | 3 | |
व्यञ्जनगर्भित अक्षराणि |
ऋ, ॠ, ॠ | 3 |
ऌ (दुस्स्पृष्टम्) | 1 | |
सन्धि-अक्षराणि | ए, ए3 | 2 |
ऐ, ऐ3 | 2 | |
ओ, ओ3 | 2 | |
औ, औ3 | 2 | |
स्पर्शाः | स्पर्शानां पञ्चविंशतिः। 25 | |
कवर्गः | क, ख, ग, घ, ङ | 5 |
चवर्गः | च, छ, ज, झ, ञ | 5 |
टवर्गः | ट, ठ, ड, ढ, ण | 5 |
तवर्गः | त, थ, द, ध, न | 5 |
पवर्गः | प, फ, ब, भ, म | 5 |
यादयश्च स्मृताह्यष्टौ। 8 | ||
अन्तस्थाः | य, र, ल, व | 4 |
ऊष्माणः | श, ष, स, ह | 4 |
चत्वारश्च यमास्मृताः। 4 | ||
यमाः | यमाः उदाहरणम्- पलिक्क्नीः, चक्ख्नतुः, अग्ग्निः, घ्घ्नन्ति | 4 |
अयोगवाहाः | ||
अनुस्वारः | अं | 1 |
विसर्गः (विसर्जनीयः | अः | 1 |
ः क- ःपौ चापि पराश्रितौ। 2 | ||
जिह्वामूलम्, उपध्मीनीयम् |
ः(क), ः(प) |
2 |
दुस्पृष्टश्चेति विज्ञेयः। 1 | ||
दुस्स्पृष्टः | ळ | 1 |
ऌकारः प्लुत एव च। 1 | ||
दुस्स्पृष्टः प्लुतः | ऌ3 | 1 |
आहत्य - | 64 |
1 | अइउण् | अ- इ- उ (ण्) |
2 | ऋलृक् | ऋ- ऌ (क्) |
3 | एओङ् | ए- ओ (ङ्) |
4 | ऐऔच् | ऐ- औ (च्) |
5 | हयवरट् | ह- य- व- र (ट्) |
6 | लण् | ल (ण्) |
7 | ञमङणनम् | ञ- म- ङ- ण- न (म्) |
8 | झभञ् | झ- भ (ञ्) |
9 | घढधष् | घ- ढ- ध (ष्) |
10 | जबगडदश् | ज- ब- ग- ड- द (श्) |
11 | खफछठथचटतव् | ख- फ- छ- ठ- थ- च- ट- त (व्) |
12 | कपय् | क- प (य्) |
13 | शषसर् | श- ष- स (र्) |
14 | हल् | ह (ल्) |
इति प्रत्याहार-सूत्राणि
इति स्थान प्रयत्न विवेकः।।