Veda Vijnaana Vishtaram - Sanskrit Department

वेद विज्ञान विष्टरम् - संस्कृत विभागः

संस्कृतपदनिर्माण विधानम् - Word Structures of Sanskrit

(लेखकः वंशीकृष्ण घनपाठी Compiled by Dr. Vamshi Krishna Ghanapaathi)


वर्णाः 

वर्णमाला

प्रत्याहारसूत्राणि

माहेश्वर सूत्राणि

स्थानानि

प्रयत्नः

सङ्ग्रहः

1.1 पाणिनीय शिक्षा - वर्णाः

         अथ शिक्षां प्रवक्ष्यामि पाणिनीय मतं यथा।

         शास्त्रानुपूर्वं तद्विद्या - द्यथोक्तं लोकवेदयोः।।    1

         प्रसिद्धमपि शब्दार्थ - मविज्ञात मबुद्धिभिः।

         पुन र्व्यक्तीकरिष्यामि वाच उच्चारणे विधिम्।।  2

         त्रिषष्टि श्चतुष्षष्टिर्वा वर्णा श्शंभुमते मताः।

         प्राकृते संस्कृते चापि स्वयं प्रोक्ता स्स्वयंभुवा।।   3

         स्वरा विंशति रेकश्च स्पर्शानां पञ्च विंशतिः।

         यादयश्च स्मृता ह्यष्टौ चत्वारश्च यमास्स्मृताः।।    4

         अनुस्वारो विसर्गश्च   ः क ःपौ चापि पराश्रितौ।

         दुस्स्पृष्टश्चेति विज्ञेय- ऌकारः प्लुत एव च।।    5


1.2 वर्णमाला

स्वराः स्वरा विंशति रेकश्च। 21
समान - अक्षराणि अ, आ, आ3 3
इ, ई, ई3 3
उ, ऊ, ऊ 3

व्यञ्जनगर्भित अक्षराणि

ऋ, ॠ, ॠ 3
ऌ (दुस्स्पृष्टम्) 1
सन्धि-अक्षराणि ए, ए3 2
ऐ, ऐ3 2
ओ, ओ3 2
औ, औ3 2
स्पर्शाः स्पर्शानां पञ्चविंशतिः। 25
कवर्गः क, ख, ग, घ, ङ 5
चवर्गः च, छ, ज, झ, ञ 5
टवर्गः ट, ठ, ड, ढ, ण 5
तवर्गः त, थ, द, ध, न 5
पवर्गः प, फ, ब, भ, म 5
यादयश्च स्मृताह्यष्टौ। 8
अन्तस्थाः  य, र, ल, व 4
ऊष्माणः  श, ष, स, ह 4
चत्वारश्च यमास्मृताः। 4
यमाः यमाः उदाहरणम्- पलिक्क्नीः, चक्ख्नतुः, अग्ग्निः, घ्घ्नन्ति 4
अयोगवाहाः
अनुस्वारः अं 1
विसर्गः (विसर्जनीयः अः 1
ः क- ःपौ चापि पराश्रितौ।  2
जिह्वामूलम्, उपध्मीनीयम्

ः(क), ः(प)

2
दुस्पृष्टश्चेति विज्ञेयः। 1
दुस्स्पृष्टः 1
ऌकारः प्लुत एव च। 1
दुस्स्पृष्टः प्लुतः ऌ3 1
आहत्य - 64

1.3 प्रत्याहार सूत्राणि

1 अइउण् अ- इ- उ (ण्)
2 ऋलृक् ऋ- ऌ (क्)
3 एओङ् ए- ओ (ङ्)
4 ऐऔच् ऐ- औ (च्)
5 हयवरट् ह- य- व- र (ट्)
6 लण् ल (ण्)
7 ञमङणनम् ञ- म- ङ- ण- न (म्)
8 झभञ् झ- भ (ञ्)
9 घढधष् घ- ढ- ध (ष्)
10 जबगडदश् ज- ब- ग- ड- द (श्)
11 खफछठथचटतव् ख- फ- छ- ठ- थ- च- ट- त (व्)
12 कपय् क- प (य्)
13 शषसर् श- ष- स (र्)
14 हल् ह (ल्)

इति प्रत्याहार-सूत्राणि


1.4 स्थान प्रयत्न विवेकः

स्थानानि

 1.5 प्रयत्नः

इति स्थान प्रयत्न विवेकः।।


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