Veda Vijnaana Vishtaram

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Sankalpam Page

 Anniversary Annadana - Sankalpam

1. परमेश्वरमुद्दिश्य

2. श्रीपरमेश्वर प्रीत्यर्थम्

(स्त्री चेत्)

3. .... नक्षत्रे .... राशौ जातायाः (जातस्य)

4. ... सगोत्रायाः (सगोत्रस्य)

5. ... नामधेयायाः (नामधेयस्य)

6. अस्यां पुण्यतिथौ ---  दिवं गतायाः (दिवंगतस्य)

7. अस्याः (अस्य) उत्तमलोकावाप्तये

8. शाश्वत ब्रह्मलोके निवाससिद्ध्यर्थम्

9. वेदाध्यायि ब्राह्मणेभ्यो यथाशक्ति भोजनविधिं समर्पये।।


10. नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च। जगद्धिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः।। .... (नमस्कारः)

•     अनेन अस्मत् कुलाभिवृद्धिरस्तु।

•     अस्माकम् - आयुष्याभिवृद्धिरस्तु।।

•     नमोस्त्वनन्ताय सहस्रमूर्तये सहस्रापादाक्षि शिरोरुबाहवे।  सहस्रनाम्ने पुरुषाय शाश्वते सहस्रकोटि युगधारिणे नमः।।

•     अद्य मे सफलं जन्म भवत् पादाब्जवन्दनात्। अद्य मे वंशजास्सर्वे याता वोऽनुग्रहाद्दिवम्।।

सर्वं सम्पूर्णम्। यथादैवतं दत्तमस्तु।। श्रीपरमेश्वरारर्पणमस्तु।।


 Marriage Day Annadana - Sankalpam

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श्रीपरमेश्वरारर्पणमस्तु 


Birthday Annadana - Sankalpam

Go Seva - Sankalpa
गो सेवा सङ्कल्पः
•    1. परमेश्वरमुद्दिश्य
•    2. श्रीपरमेश्वर प्रीत्यर्थम्
•    3.  (स्त्रियः)  .... नक्षत्रे .... राशौ जातायाः
•    5. ... गोत्रायाः
•    6. ... नाम्न्याः
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•    (पुरुषस्य वचनम्)  .... नक्षत्रे .... राशौ जातस्य
•    5. ... सगोत्रस्य
•    6. ... नामधेयस्य,  
•    7. मम (कुमारस्य/ कुमार्याः/ मातुः/ पितुः/ भ्रातुः/ स्वसुः/ सख्युः/ गुरोः)
•    8. आयुष्याभिवृद्धये,
•    9. सर्वारिष्टपरिहारद्वारा निरामयता सिद्धये
•    10.चिरतर धर्मकर्मानुष्ठान सिद्धये, सर्वप्राणिषु दयाबुद्धिवृद्धये
•    11. धर्मार्थ काममोक्ष चतुर्विध फलपुरुषार्थ सिद्धये, अद्य शुभतिथौ
•    12.मम (अस्याः/ अस्य) (जन्म दिन शुभावसरे)/  (महालयपक्षे)
•    13 .गोमात्रे यथाशक्ति ग्रासादिकं समर्पये।।
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•    14. नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च। जगद्धिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः।।
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गोसेवा प्रार्थनमन्त्राः
•    माता वसूनां किल रुद्रपुत्री स्वसा श्रुता(आ)दित्य गणस्य या वै।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    1
•    गावो जनन्यः पयसां प्रदात्र्यो जगद्धितायैव चरन्ति यासाम्।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    2
•    प्रातश्च सायं परि दुह्यते या वत्सस्य नॄणां परिरक्षणाय।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    3
•    यतो(अ)ग्निहोत्रं समनुष्ठितं स्याद्- यतो(अ)भिषेकः पचनं प्रपाणम्।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    4
•    गोष्ठे प्रसद्या.दथ गोचरेषु चञ्चूर्यमाणाहननीयगात्रा।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    5
•    यस्या ध्वनि.स्स्या.दृषभस्वरेषु  यामाश्रिताः पितर.स्तृप्णुवन्ति।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    6
•    दोषान् समस्तान् परिहर्तुकाम-स्सेवेय भक्तिश्रितबुद्धितो याम्।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    7
•    दयां समस्ते परिवर्धयन्ती कुलस्य मे शोभितमुच्छ्रयन्ती।
सा कामधेनुर् वरदा प्रशान्ता मया(अ)र्पितां भुक्तिमिमां समद्यात्।।    8
•    अनेन वेदोक्त-आयुष्याभिवृद्धिरस्तु। गोदेवता प्रीयताम्।
•    सर्वं सम्पूर्णम्।  श्रीपरमेश्वरार्पणमस्तु ।।
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सङ्ख्या    नाम
1      कृष्णवल्लभायै नमः
2     श्री कृष्ण पारिजातायै नमः
3     कृष्णजायै नमः
4     कृष्ण प्रियायै नमः
5     कृष्ण रूपायै नमः
6     कृष्ण प्रेम विवर्धिन्यै नमः
7     कमनीयायै नमः
8    कामधेनवे नमः
9     कल्याण्यै नमः
10     कल्य वन्दितायै नमः
11     कल्पवृक्ष स्वरूपायै नमः
12     दिव्यालंकारमण्डितायै नमः
13     क्षीरार्णव समुद्भूतायै नमः
14     क्षीरदायै नमः
15     क्षीर रूपिण्यै नमः
16     नन्दादिगोपविनुतायै नमः
17     नन्दिन्यै नमः
18     नन्दन प्रदायै नमः
19     ब्रह्मादिदेवविनुतायै नमः
20     ब्रह्मानन्दविधायिन्यै नमः
21     समस्तभूतविनुतायै नमः
22     सर्वदायै नमः
23     सर्वमोददायै नमः
24     शिष्टेष्टायै नमः
25     शिष्टवरदायै नमः
26     सृष्टिस्थितिलयात्मिकायै नमः
27     धर्मरूपायै नमः
28     सुरभ्यै नमः
29     सुरासुरनमस्कृतायै नमः
30     सिद्धि प्रदायै नमः
31     सौरभेय्यै नमः
32     सिद्धविद्यायै नमः
33     जगद्धितायै नमः
34     ब्रह्मपुत्र्यै नमः
35    सदातुष्टायै नमः
36     गायत्र्यै नमः
37     एकहायन्यै नमः
38     यज्ञांगायै नमः
39     यज्ञ फलदायै नमः
40     यज्ञेश्यै नमः
41     यज्ञरूपिण्यै नमः
42     हव्यकव्य प्रदायै नमः
43     श्रीदायै नमः
44     स्तव्यभव्य क्रमोज्ज्वलायै नमः
45     बुद्धिदायै नमः
46     बुधसुप्रीतायै नमः
47     धनधान्य विवर्धिन्यै नमः
48     यशोदायै नमः
49     सुयशः पूर्णायै नमः
50     यशोदानन्दवर्धिन्यै नमः
51     धर्मज्ञायै नमः
52     धर्म विभवायै  नमः
53     धर्मरूपतनूरुहायै नमः
54     विष्णुपादोद्भवप्रख्यायै नमः
55     वैष्णव्यै नमः
56     विष्णुरूपिण्यै नमः
57     वसिष्ठपूजितायै नमः
58     शिष्टायै नमः
59    विशिष्टा
60     शिष्टकामदुहे नमः
61     दिलीप सेवितायै नमः
62     दिव्यायै नमः
63     खुरपावितविष्टपायै नमः
64     रत्नाकरसमुद्भूतायै नमः
65     रत्नदायै नमः
66     शक्रपूजितायै नमः
67     पीयूषवर्षिण्यै नमः
68     पुण्यायै नमः
69     पुण्या पुण्य फलप्रदायै नमः
70     पयःप्रदायै नमः
71     परामोदायै नमः
72     घृतदायै नमः
73     घृतसंभवायै नमः
74     कार्तवीर्यार्जुन मृति-हेतवे नमः
75     हेतुकसन्नुतायै नमः
76     जमदग्निकृताजस्र सेवायै नमः
77     संतुष्टमानसायै नमः
78     रेणुकाविनुतायै नमः
79     पादरेणुपावित भूतलायै नमः
80     शिष्टाभीष्टायै नमः
81     सवत्सायै नमः
82     वात्सल्यपरिपालितायै नमः
83     वृषदायै नमः
84     कृषिदायै  नमः
85     हेम शृङ्गाग्रतलशोभनायै नमः
86     त्र्यैलोक्य वन्दितायै नमः
87     भव्यायै नमः
88     भावितायै नमः
89     भवनाशिन्यै नमः
90     भुक्तिमुक्तिप्रदायै नमः
91     कान्तायै नमः
92     कान्ताजन शुभङ्कर्यै नमः
93     सुरूपायै नमः
94     बहुरूपायै नमः
95     कपिलायै नमः
96    समर्चितायै नमः
97     सर्ववेदमय्यै नमः
98     अमलायै नमः
99     साधुशीतलायै  नमः
100     सर्वदेवस्वरूपायै नमः
101     साधु बृन्दनिषेवितायै नमः
102     प्रभावत्यै नमः
103     रुद्रमात्रे नमः
104    वसुजायै नमः
105    आदित्यसहोदर्यै नमः
106     महा मायायै नमः
107    महादेव्यै नमः
108     महादेवादिवन्दितायै नमः
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श्रीकृष्णवल्लभा कृष्ण-पारिजाता च कृष्णजा।    3
कृष्णप्रिया कृष्णरूपा कृष्णप्रेमविवर्धिनी।    3
कमनीया कामधेनुः कल्याणी कल्यवन्दिता।    4
कल्पवृक्षस्वरूपा च दिव्यालङ्कारमण्डिता।    2
क्षीरार्णवसमुद्भूता क्षीरदा क्षीररूपिणी।    3
नन्दादिगोपविनुता नन्दिनी नन्दनप्रदा।    3
ब्रह्मादिदेवविनुता ब्रह्मानन्दविधायिनी।    2
समस्तभूतविनुता सर्वदा सर्वमोददा।    3
शिष्टेष्टा शिष्टवरदा सृष्टिस्थितिलयात्मिका।    3
धर्मरूपा च सुरभि-स्सुरासुरनमस्कृता।    3
सिद्धिप्रदा सौरभेयी सिद्धविद्या जगद्धिता।    4
ब्रह्मपुत्री सदातुष्टा गायत्री चैकहायनी।    4
यज्ञाङ्गा यज्ञफलदा यज्ञेशी यज्ञरूपिणी।    4
हव्यकव्यप्रदा श्रीदा स्तव्यभव्यक्रमोज्ज्वला।    3
बुद्धिदा बुधसुप्रीता धनधान्यविवर्धिनी।    3
यशोदा सुयशःपूर्णा यशोदानन्दवर्धिनी।    3
धर्मज्ञा धर्मविभवा धर्मरूपतनूरुहा।    3
विष्णुपादोद्भवप्रख्या वैष्णवी विष्णुरूपिणी।    3
वसिष्ठपूजिता शिष्टा विशिष्टा शिष्टकामधुक्।    4
दिलीपसेविता दिव्या खुरपावितविष्टपा।    3
रत्नाकरसमुद्भूता रत्नदा शक्रपूजिता।    3
पीयूषवर्षणी पुण्या पुण्यापुण्यफलप्रदा।    3
पयःप्रदा परामोदा घृतदा घृतसम्भवा।    4
ओं कार्तवीर्यार्जुन मृति-हेतु.र्हेतुकसन्नुता।    2
जमदग्निकृताजस्र-सेवासन्तुष्टमानसा।    1
रेणुकाविनुता पाद-रेणुपावितभूतला।    2
शिष्टाभीष्टा सवत्सा च वात्सल्यपरिपालिता    3
वृषदा कृषिदा हेम-शृङ्गाग्रतलशोभना।    3
त्रैलोक्यवन्दिता भव्या भाविता भवनाशिनी।    4
भुक्तिमुक्तिप्रदा कान्ता कान्ताजनशुभङ्करी।    3
सुरूपा बहुरूपा च कपिला च समर्चिता।    4
सर्ववेदमयी पृश्नि-रमला साधुशीतला।    4
सर्वदेवस्वरूपा च साधुबृन्दनिषेविता।    2
प्रभावती रुद्रमाता वसुजादित्यसोदरी।    4
महामाया महादेवी महादेवादिवन्दिता।    3
इति गोमातुरष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
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